जम्मू कश्मीर में एक बार फिर से पुलवामा जैसी घटना को अंजाम देने की साजिश नाकाम हुई.
बिलकुल ठीक पढ़ा आपने. जम्मू कश्मीर में एक और ‘पुलवामा’ हमले की साजिश नाकाम हो गई जिससे आतंकी गुट तिलमिला गए हैं. भारतीय सेना ने गुरुवार को जम्मू-कश्मीर में 52 किलोग्राम विस्फोटक की खोज कर एक बड़े हमले को टाल दिया. भारतीय सेना का यह कहना है कि यह पुलवामा की तर्ज पर एक और हमले के कोशिश थी. सोचने की बात तो यह है कि यह पुलवामा हमले के ठीक पास की घटना है.
जम्मू कश्मीर में एक और 'पुलवामा' हमले की साजिस नाकाम हो गई जिससे आतंकी गुट तिलमिला गए हैं. Click To Tweetसेना ने एक बयान में कहा कि विस्फोटक पुलवामा के ‘गरिकाल’ में सुबह शुरू किए गए एक संयुक्त तलाशी अभियान में पाए गए. रक्षा प्रवक्ता कर्नल राजेश कालिया ने कहा, “सर्च ऑप (ऑपरेशन) के दौरान, सिंटैक्स टैंक में एक गुफा जैसी जगह खोदी गई था.” भारतीय सेना को सक हुआ और सेना अच्छे से छान-बिन करने लगी. “विस्तृत खोज से विस्फोटक के 416 पैकेट बरामद हुई, 125 ग्राम वजन का प्रत्येक पैकेट था, कुल 52 किलोग्राम की विस्फोटक बरामद किया गया.”
भारतीय सेना के प्रवक्ता ने यह भी कहा कि सेना ने एक पानी की टंकी से 50 डेटोनेटर भी बरामद किए.
अपनी पहचान छुपाते हुए, एक सेना अधिकारी ने पीटीआई से बात करते हुए यह बताया कि, “हमने एक और पुलवामा-प्रकार के हमले को टाल दिया है.” अधिकारी ने कहा कि विस्फोटकों को संक्षेप में “सुपर -90” या एस -90 कहा जाता है.
"हमने एक और पुलवामा-प्रकार के हमले को टाल दिया है." Click To Tweetफरवरी 2019 में, एक आत्मघाती हमलावर ने विस्फोटक से लदी कार को भारतीय सेना की गाड़ी पर हमला किया था. इस हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के चालीस जवान शहीद हो गए थे. भरिये सेना पर हुए इस हमले के बाद, पाकिस्तान के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद आतंकी प्रशिक्षण सुविधा को खत्म करने के लिए भारतीय वायु सेना ने कई दिनों तक हमले किए और मुहतोड़ जवाब दिया.
भारतीय वायु सेना ने कई दिनों तक हमले किए और मुहतोड़ जवाब दिया. Click To Tweetपिछले महीने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने मामले में आरोप पत्र दायर किया था. 13,500 पन्नों की चार्जशीट में कहा गया है कि जैश के आतंकवादियों ने एक और हमले को अंजाम देने की योजना बनाई थी और यहां तक कि फिदायीन या आत्मघाती हमलावर भी तैयार थे, लेकिन बालाकोट में भारत के हवाई हमलों से दहल गए. आरोप पत्र में जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर और उसके भाई रऊफ असगर सहित उन्नीस लोगों को आरोप पत्र में नामित किया गया.
उन्होंने कहा कि अतहर मसूद अजहर का बड़ा भाई है. आरोप पत्र में कहा गया है कि 20 किलोग्राम आरडीएक्स की तस्करी पाकिस्तान में जम्मू के सांबा से फारूक द्वारा की गई थी, जिसे पिछले साल मार्च में कश्मीर में विशेष बलों ने मार दिया था. एनआईए ने कहा, “फारूक 2016-17 में विस्फोटक प्रशिक्षण के लिए अफगानिस्तान भी गया था.”
एनआईए ने दावा किया कि मुख्य साजिशकर्ता जैश आतंकवादी उमर फारूक, इब्राहिम अतहर का पुत्र, 1999 के आईसी-814 अपहरण का मुख्य आरोपी था.
एनआईए की जांच में यह भी पता चला कि पाकिस्तान ने आत्मघाती हमलावर आदिल अहमद डार का इस्तेमाल किया था. आदिल अहमद 14 फरवरी को सीआरपीएफ के काफिले पर हमला किया था, क्योंकि वह काफी समय से “भारत के कश्मीर पर कब्जे” के खिलाफ एक घरेलू उग्रवाद के परिणामस्वरूप हमले को अंजाम देना चाहता था.
पर जब तक हमारे बहादुर सेना तैनात है, ऐसे आतंकवादियों को नरक का रास्ता दिखाते रहेगी. हमें अपने भारतीय सेना पर गर्व है.
जब तक हमारे बहादुर सेना तैनात है, ऐसे आतंकवादियों को नरक का रास्ता दिखाते रहेगी. हमें अपने भारतीय सेना पर गर्व है. Click To Tweetजय हिन्द, जय भारत.
Author: The Rising India Team
Keywords: Pulwama Attack, Another Pulwama attack averted, NIA, India Army, India Air Force, Balakot Strike, RDX, Explosives, Jammu & Kashmir, Terror attack, Terrorists
[…] Moto of Amnesty India ( pic- Amnesty India ) […]